Friday, August 15, 2025

जानिए जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, भगवान कृष्ण का जन्म कथा, धार्मिक महत्व और देशभर में उत्सव की रोचक जानकारी। श्रीकृष्ण के जीवन की प्रेरणादायक घटनाएं।


<img src="krishna.jpg" alt="भगवान कृष्ण का जन्म और माता देवकी की पूजा">

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 

जन्माष्टमी का महत्व और इतिहास – पूरी कथा और धार्मिक महत्व


परिचय

जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भक्ति-भाव के साथ पूजा-अर्चना की जाती है और रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है।




<img src="krishna.jpg" alt="भगवान कृष्ण का जन्म ">


श्रीकृष्ण जन्म की पौराणिक कथा

श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उस समय मथुरा पर कंस का शासन था। एक भविष्यवाणी के अनुसार, कंस को बताया गया कि उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा। इस डर से कंस ने देवकी और उनके पति वासुदेव को कारागार में डाल दिया और उनके सभी नवजात शिशुओं को मार डाला।


लेकिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के समय चमत्कार हुआ। जेल के दरवाजे अपने आप खुल गए, सभी पहरेदार सो गए और वासुदेव ने शिशु कृष्ण को गोकुल में नंद-यशोदा के घर पहुँचा दिया। इस तरह कृष्ण बच गए और बाद में कंस का वध किया।



जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व 

इस दिन व्रत रखकर भगवान कृष्ण की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कृष्ण भक्ति से मन की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।

गीता का ज्ञान और कृष्ण की लीलाएँ मनुष्य को धर्म और कर्तव्य का पालन करना सिखाती हैं।





<img src="krishna.jpg" alt="भगवान कृष्ण की  मथुरा जन्मभूमि ">


देशभर में जन्माष्टमी उत्सव


मथुरा-वृंदावन: धूमधाम से झांकियाँ निकाली जाती हैं और रासलीला का आयोजन होता है।

महाराष्ट्र: डांडिया और गरबा नृत्य के साथ मनाया जाता है।

दक्षिण भारत: घरों में कोलम (रंगोली) बनाई जाती है और भजन-कीर्तन होता है।



निष्कर्ष

जन्माष्टमी न सिर्फ एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह हमें श्रीकृष्ण के जीवन से सच्चाई, निडरता और प्रेम की सीख देता है। 🙏🙏🙏🙏🙏

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